दारो रसन* मोहम्मदअली भैडु’वफा’
दारो रसन * मोहम्मदअली भैडु’वफा’
दारो रसन पर भी न भुला तु अल्लाह को हुसेन
ईमाँ का हक अदा कीया बस लाई लाहा ईल्ललाह
(हुसेन=सदम हुसेन मर्हुम) *वफा
،पहरे*मोहम्मदअली भैडु’वफा’
शिकवा पसँद दिल को अब कौन मनाए,
जालिमो सफ्फाक को अब कौन मिटाए
बैठा दिए जलिमने अश्कोँ पे भी पहरे,
कीसकी मजाल है कि एक आंसु बहाए
दारो रसन पर चढ गया एक भाई तुम्हारा
बेठेहो ए अहले अरब अब उँगलियाँ दबाए
गैरत का कोई बाब भी बाकी नही तुममे,
चलतेहो नाहक की एक डोलीको ऊठाए
सलाहुद्दिन क्या अब कोई पैदा नहीँ होगा?
कमजोरीए ईमांन की जो झुल्कोँ को सँवारे.
औलादे दज्जालो बुश बैठी है सीनो पर
और पास अब रह गये सब खोखले नारे
.है’वफा’नादिमो मग्मुम और मजबुर भी बहुत
रब्बेकरीम से है दूआ कि अब तुही बचाए*
मोहम्मदअली भैडु’वफा’ 30डीसे.2006
दारो रसन पर भी न भुला तु अल्लाह को हुसेन
ईमाँ का हक अदा कीया बस लाई लाहा ईल्ललाह
(हुसेन=सदम हुसेन मर्हुम) *वफा
،पहरे*मोहम्मदअली भैडु’वफा’
शिकवा पसँद दिल को अब कौन मनाए,
जालिमो सफ्फाक को अब कौन मिटाए
बैठा दिए जलिमने अश्कोँ पे भी पहरे,
कीसकी मजाल है कि एक आंसु बहाए
दारो रसन पर चढ गया एक भाई तुम्हारा
बेठेहो ए अहले अरब अब उँगलियाँ दबाए
गैरत का कोई बाब भी बाकी नही तुममे,
चलतेहो नाहक की एक डोलीको ऊठाए
सलाहुद्दिन क्या अब कोई पैदा नहीँ होगा?
कमजोरीए ईमांन की जो झुल्कोँ को सँवारे.
औलादे दज्जालो बुश बैठी है सीनो पर
और पास अब रह गये सब खोखले नारे
.है’वफा’नादिमो मग्मुम और मजबुर भी बहुत
रब्बेकरीम से है दूआ कि अब तुही बचाए*
मोहम्मदअली भैडु’वफा’ 30डीसे.2006
1 Comments:
At 8:25 AM,
रज़िया "राज़" said…
क़ुरबान हो गया है तु ईमान पर हुसैन,
सज्दे में सर कटा दीया बस लाइ लाहा इलललाह्
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